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क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

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क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

वह शब्द जो हमें क्रियाओं की विशेषता का बोध कराते हैं वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। दुसरे शब्दों में कहें तो जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है, उन शब्दों को हम क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे: हिरण तेज़ भागता है। इस वाक्य में भागना क्रिया है। तेज़ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह कितनी तेज़ भाग रहा है। अतः तेज़ शब्द क्रियाविशेषण है।
क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण


क्रिया विशेषण के उदाहरण

  • वह धीरे-धीरे चलता है।
  • खरगोश तेज़ दौड़ता है।
  • शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं धीरे-धीरे, तेज़ आदि शब्द चलना, दौड़ना, बढना आदि क्रियाओं की विशेषता बताने का काम कर रहे है। अतः यह शब्द क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

क्रिया विशेषण के भेद

अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद:

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:
  1. कालवाचक क्रियाविशेषण
  2. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
  3. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

1. कालवाचक क्रियाविशेषण:

वो क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के होने के समय के बारे में बताते हैं, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
जैसे:
  • श्यामू कल मेरे घर आया था।
  • परसों बरसात होगी।
  • मैंने सुबह खाना खाया था।
  • मैं शाम को खेलता हूँ।
  • मैं  सुबह जल्दी उठता हूँ।
  • मैं दोपहर में स्कूल से लौटता हूँ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि क्रिया शब्द जैसे आना, खाना, होना, उठना, लौटना आदि के होने क समय के बारे में कल, सुबह, शाम, दोपहर आदि शब्द बता रहे हैं। अतः यह शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

2. रीतिवाचक क्रियाविशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके का बोध कराते हैं, वह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
  • सुरेश ध्यान से चलता है।
  • वह फटाफट खाता है।
  • अमित गलत चाल चलता है।
  • उमेश हमेशा सच बोलता है।
  • पियूष अच्छी तरह काम करता है।
  • नरेन्द्र ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
  • शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं कि ध्यान से, फटाफट, गलत, हमेशा, सच, अच्छी तरह, ध्यान पूर्वक, धीरे-धीरे आदि शब्द खाना, चलना, बोलना आदि क्रियाओं कि विशेषता बता रहे हैं। अतः यह शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

3. स्थानवाचक क्रियाविशेषण :

ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रियाओं के होने के स्थान का बोध कराते हैं, वे शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
  • तुम अन्दर जाकर बैठो।
  • मैं बाहर खेलता हूँ।
  • हम छत पर सोते हैं।
  • मैं पेड़ पर बैठा हूँ।
  • शशि मुझसे बहुत दूर बैठी है।
  • मुरारी मैदान में खेल रहा है।
  • तुम अपने दाहिने ओर गिर जाओ।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं  कि अन्दर, बाहर, छत पर, पेड़ पर, दूर, मैदान में, दाहिने आदि शब्द हमें बैठना, खेलना, सोना, गिरना आदि क्रियाओं के होने के स्थान का बोध करा रहे हैं। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, संख्या या मात्र का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
  • तुम थोड़ा अधिक खाओ।
  • अमृत बहुत ज्यादा दौड़ता है।
  • मोहन अधिक खाना खाता है।
  • आयुष उसके दोस्त से ज्यादा पढता है।
  • अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि अधिक, ज्यादा, पर्याप्त आदि शब्द खाना, दौड़ना, सोना, पढ़ना आदि क्रियाओं का परिमाप या मात्र का बोध कराते हैं। अतः यह शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएंगे।

क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के भेद

प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के तीन भेद होते हैं :
  1. साधारण क्रियाविशेषण ,
  2. सयोंजक क्रियाविशेषण व
  3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण

1. साधारण क्रियाविशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है, वे शब्द साधारण क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे: 
  • अरे! तुम कब आये ?
  • हाय! यह क्या हो गया।
  • अरे! वह लड़का कहाँ चला गया ?
  • बेटा जल्दी आओ।
  • ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं कुछ शब्दों का प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है। यह शब्द साधारण क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

2. सयोंजक क्रियाविशेषण

  • जिन क्रियाविशेषणों का सम्बन्ध किसी उपवाक्य से होता है , वह शब्द सयोंजक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे :
  • जहाँ तुम अभी खड़े हो, वहां घर हुआ करता था।
  • जहां तुम जाओगे, वहीँ मैं जाऊँगा।
  • यहाँ हम चल रहे हैं, वहां वो दौड़ रहे हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि दिए गए क्रियाविशेषणों का सम्बन्ध किसी उपवाक्य से है अतः यह क्रियाविशेषण शब्द सयोंजक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण

ऐसे शब्द जो निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग कर लिए जाते हैं वे शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
  • यह काम तो गलत ही हुआ है।
  • आपके आने भर की देर है।
जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरणों में देखा कि भर,ही जैसे शब्दों का निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग हो जाता है। अतः यह शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।

रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के भेद

रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के तीन भेद होते हैं :
  1. मूल क्रियाविशेषण
  2. स्थानीय क्रियाविशेषण
  3. योगिक क्रियाविशेषण

1. मूल क्रियाविशेषण

ऐसे शब्द जो दुसरे शब्दों के मेल से नहीं बनते यानी जो दुसरे शब्दों में प्रत्यय लगे बिना बन जाते हैं, वे शब्द मूल क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे: – पास , दूर , ऊपर , आज , सदा , अचानक , फिर , नहीं , ठीक आदि।

2. स्थानीय क्रियाविशेषण

ऐसे अन्य शब्द-भेद जो बिना अपने रूप में बदलाव किये किसी विशेष स्थान पर आते हैं, वे स्थानीय क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे: 
  • वह अपना सिर पढेगा।
  • तुम दौड़कर चलते हो।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि सिर, चलते आदि शब्दों के रूप में बिना बदलाव हुए ही वे विशेष स्थान पर प्रयोग किये गए। अतः यह स्थानीय क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

क्रिया विशेषण : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

3. योगिक क्रियाविशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण जो किसी दुसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं, ऐसे क्रियाविशेषण योगिक क्रियाविशेषणों की श्रेणी में आते हैं।
  • संज्ञा से यौगिक क्रियाविशेषण :-
    जैसे :- सबेरे , सायं , आजन्म , क्रमशः , प्रेमपूर्वक , रातभर , मन से आदि।
  • सर्वनाम से यौगिक क्रियाविशेषण :-
    जैसे :- यहाँ , वहाँ , अब , कब , इतना , उतना , जहाँ , जिससे आदि।
  • विशेषण से क्रियाविशेषण :-
    जैसे :- चुपके , पहले , दूसरे , बहुधा , धीरे आदि।
  • क्रिया से क्रियाविशेषण :-
    जैसे :- खाते , पीते , सोते , उठते , बैठते , जागते आदि।

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