Kriya Kya Hai | क्रिया क्या है ? परिभाषा, भेद सहित
क्रिया की परिभाषा जिस शब्द से किसी कार्य का होना या करना समझा जाय, उसे क्रिया कहते हैं । जैसे - खाना, पीना, गाना, रहना, जाना आदि ।
उदाहरण-
1 राम खाना खाता है। 2 घोड़ा दौड़ता है। 3 तुम स्कूल जाते हो|
क्रिया के दो भेद हैं :-
क्रिया की परिभाषा जिस शब्द से किसी कार्य का होना या करना समझा जाय, उसे क्रिया कहते हैं । जैसे - खाना, पीना, गाना, रहना, जाना आदि ।
उदाहरण-
क्रिया के दो भेद हैं :-
1- सकर्मक क्रिया :- जो क्रिया कर्म के साथ आती है अर्थात जब क्रिया को कर्म की आवश्यकता होती है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं ! जैसे -- राकेश क्रिकेट खेलता है !
सीता खाना पकाती है!
सीता खाना पकाती है!
Kriya Kya Hai | क्रिया क्या है ? परिभाषा, भेद सहित
2 -अकर्मक क्रिया --जिस क्रिया को कर्म की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात जहाँ कर्म का आभाव होता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं ।
जैसे -- राधा नाचती है। बच्चे खेलते हैं।
रचना के आधार पर क्रिया के पाँच भेद है :-
जैसे -- राधा नाचती है। बच्चे खेलते हैं।
रचना के आधार पर क्रिया के पाँच भेद है :-
1- सामान्य क्रिया :-जब वाक्य में केवल एक क्रिया का प्रयोग होता है !
जैसे - तुम चलो, मोहन पढ़ा आदि !
जैसे - तुम चलो, मोहन पढ़ा आदि !
2- संयुक्त क्रिया :- दो या दो से अधिक क्रियाओं के मेल से बनी क्रियाएँ संयुक्त क्रियाएँ होती है ! जैसे - मैंने खाना खा लिया। तुम घर चले जाओ।
3- नामधातु क्रियाएँ :- क्रिया को छोड़कर दुसरे शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम, एवं विशेषण) से जो धातु बनते है, उन्हें नामधातु क्रिया कहते है। जैसे - अपना - अपनाना, गरम - गरमाना आदि
4- प्रेरणार्थक क्रिया :- जब कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी अन्य से करवाता है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते है। जैसे-- मैंने पत्र लिखवाया । उसने खाना खिलवाया । सफने उसे हंसाया ।
5- पूर्वकालिक क्रिया :- जब कोई कर्ता एक क्रिया समाप्त करके दूसरी क्रिया करता है तब पहली क्रिया ' पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है। जैसे - वे पढ़कर चले गये ।मैं दौड़कर जाउँगा ।
Kriya Kya Hai | क्रिया क्या है ? परिभाषा, भेद सहित