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भारत की प्रमुख झीलें और संबंधित राज्य

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भारत की प्रमुख झीलें सम्बन्धित राज्य

झीलों का निर्माण

झीलों का निर्माण अनेक कारणों से होता है. भारत में झीलों को हिमालयी, राजस्थान की तथा दक्षिण भारत की झीलों में वर्गीकृत किया जा सकता है.
भू-गर्भिक क्रिया से बनीं झीलें :- पहाड़ों से बर्फ, पत्थर आदि भूमि पर गिरने से धरातल पर विशाल गड्ढे बन जाते हैं. इनमें जल भरने से जो झीलें बनती हैं, उन्हें भू-गर्भिक क्रिया से बनीं झीलें कहते हैं. कश्मीर की वूलर और कुमायूँ की अनेक झीलें इसी प्रकार की हैं.
ज्वालामुखी- क्रिया से निर्मित झीलें :- ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न क्रेटर या काल्डेरा में जल भरने से झील बनती हैं. महाराष्ट्र में की लोनार झील इसी प्रकार से बनी है.
हिमानी निर्मित झीलें :- हिमनदों द्वारा निर्मित गर्तों में हिम के पिघले हुए जल से इस प्रकार की झीलों का निर्माण होता है. कुमायूँ हिमालय में नैनीताल आदि झीलें इसके प्रमुख उदाहरण हैं. कभी-कभी हिमनदी के पिघले जल से “हिमोढ़ झीलों” का निर्माण होता है. पीरपंजाल श्रेणी के उत्तरी-पूर्वी ढालों पर ऐसी ही झीलें पाई जाती हैं.
पवन-क्रिया से बनीं झीलें :- मरुस्थल में पवन क्रिया से अपवाहन गर्त बन जाते हैं. वर्षाकाल में इनमें जल भर जाता है. वाष्पीकरण अधिक होने से सतह पर लवण की परतें एक जगह इकठ्ठा हो जाती हैं और फलस्वरूप खारी झीलें बन जाती हैं. राजस्थान की साम्भर, डीडवाना, पंचभद्रा ऐसी ही झीलें हैं.
घुलन क्रिया से निर्मित झीलें :- चूना पत्थर, जिप्सम, लवण आदि घुलनशील शैलों के प्रदेश में जल की घुलन क्रिया से ये झीलें उत्पन्न होती हैं. असम में ऐसी झीलें पायी जाती हैं.
भू-स्खलन से निर्मित झीलें :- पर्वतीय ढालों पर बड़े-बड़े शिलाखण्डों के गिरने से कभी-कभी नदियों के मार्ग रुक जाते हैं और इनमें जल एकत्रित होने लगता है और अंततः झील बन जाती है. अलकनंदा के मार्ग में शैल-स्खलन से गोहाना नामक झील का निर्माण हुआ था.
विसर्प झीलें :- मैदानी क्षेत्र में नदियाँ घुमावदार मार्ग से प्रवाहित होती हैं. जब इन मोड़ों के सिरे कट जाते हैं और नदी सीधे मार्ग से बहने लगती है तब विसर्प झीलें बनती हैं. गंगा की मध्य व निचली घाटी में ऐसी अनेक झीलें पाई जाती हैं. पश्चिम बंगाल में उन्हें “बील” कहते हैं.
अनूप या लैगून झीलें :- नदियों के मुहाने पर समुद्री लहरों तथा पवनों की क्रिया से बालू के टीले बन जाते हैं. इसके पीछे एकत्रित जल लैगून के रूप में अवशिष्ट रहता है. उड़ीसा का चिल्का झील ऐसा ही है.


भारत की प्रमुख झीलें और संबंधित राज्यों की सूची



  • जसमन्द झील :- राजस्थान
  • पिछौला झील :-राजस्थान
  • लुन्कसर झील :- राजस्थान
  • डीडवाना झील :- राजस्थान
  • पुलिकट झील :- तमिलनाडु
  • ऊटी झील :- तमिलनाडु
  • येरकाउड :- तमिलनाडु
  • हुसैन सागर झील :- आंध्र प्रदेश
  • कोल्लेरू झील :- आंध्र प्रदेश
  • नागार्जुन झील :- आंध्र प्रदेश
  • निजाम सागर झील :- आंध्र प्रदेश
  • जयसमंद :- राजस्थान
  • साम्भर झील :- राजस्थान
  • फ़तेह सागर झील :- राजस्थान
  • पंचपद्रा :- राजस्थान
  • नक्की :- राजस्थान
  • पुष्कर झील :- राजस्थान
  • धेबार :- राजस्थान
  • डल झील :- जम्मू-कश्मीर
  • बूलर :- जम्मू-कश्मीर
  • सो-मोरारी :- जम्मू-कश्मीर
  • लोकटक :- मणिपुर
  • सातताल :- उत्तराखंड
  • नैनीताल :- उत्तराखंड
  • नौकुछियाताल :-उत्तरखंड
  • चंद्रा :- हिमाचल प्रदेश
  • खजियार :- हिमाचल प्रदेश
  • ब्रह्मसरोवर :- हरियाणा
  • कोयला :- महाराष्ट्र
  • अष्टामुडी झील :- केरल
  • मायेम :- गोवा
  • संगमी :- सिक्किम
  • चिल्का झील :- उड़ीसा
  • रूपकुंड :- उत्तराखंड
  • भीमताल :- उत्तराखंड
  • राकसताल :- उत्तराखंड
  • सूरजकुंड :- हरियाणा
  • रेणुका :- हिमाचल प्रदेश
  • लोनार :- महाराष्ट्र
  • बेम्बनाड :- केरल
  • कुक्काराहल्ली :- कर्नाटक
  • शेषनाग झील :- जम्मू-कश्मीर
  • मानसबल झील :- जम्मू-कश्मीर-

  • भारत के झील सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण तथ्य



  • कश्मीर की वूलर झील झेलम नदी पर बनी गोखुर झील है. यह भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है.
  • चिल्का झील खारे पानी की भारत की सबसे बड़ी झील है. इस लैगून झील में नौसेना का प्रशिक्षण केंद्रभी है.
  • ज्वालामुखी क्रिया द्वारा निर्मित महाराष्ट्र के बुलढाना की लोनार झील एक क्रेटर झील है.
  • उकाई (गुजरात) ताप्ति नदी पर स्थित मानव निर्मित झील है.
  • स्टेनले जलाशय तमिलनाडु में कावेरी नदी पर बने मेट्टूर बाँध के पीछे बनी झील है.
  • बेम्बनाड झील (केरल) में वेलिंग्टन द्वीप है जहाँ पर नौकायान प्र्तियोगताएँ भी होती हैं.
  • राणाप्रताप सागर जवाहर सागर (राजस्थान) एवं गांधी सागर (मध्य प्रदेश) चम्बल नदी पर स्थित झीलें हैं.
  • गोविन्द वल्लभ पन्त सागर (उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) सोन की सहायक नदी रिहंद पर बनाई गई झील है.
  • पेरियार झील एक कृत्रिम झील है.
  • लोकटक झील (मणिपुर) मीठे पानी की पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी झील है. इस झील में “किबुललामजाओ” नामक तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क है.
  • राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना का आरम्भ केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जून, 2001 में किया गया था.
  • भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द सागर झील है. यह पंजाब के रोपड़ जिले में सतलज नदी पर स्थित भाखड़ा-नांगल परियोजना के तहत बने बाँध से निर्मित हुआ है.
  • साम्भर एवं डीडवाना लार मरुस्थल के पूर्वी सिरे पर खारे पानी की झीलें हैं. साम्भर झील बौलसन एवं डीडवाना झील प्लाया का उदाहरण है.
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