काल क्या है? काल के भेद
कालसमय। क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने के समय का पता चले उसे काल कहते हैं। जैसे – सुनील गीता पढ़ता है
,प्रदीप पढ़ रहा है ,रमेश कल दिल्ली जाएगा
काल के तीन प्रकार है
भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य का बीते हुए समय में सम्पन्न होने का पता चले ,उसे भूतकाल कहते है |जैसे – राम ने रावण का वध किया था , में गुजरात गया था ,लड़का चला गया ,नाना जी कहानी सुना रहे थेइन वाक्यों में किया था ,गया था ,गया तथा रहे थे यह शब्द बीते हुए समय के बारे में बताते है इसे भूतकाल कहते है
भूतकाल के छ: प्रकार है
सामान्य भूतकाल
जिस क्रिया से भूतकाल में क्रिया के सामान्य रूप से बीते समय में पूरा में होने का संकेत मिलता हो ,उसे सामान्य भूतकाल कहते है |जैसे मैंने गाना गाया ,नानी ने कहानी सुनाई ,खिलाड़ी खेलने गए
इन वाक्यों में गाया ,सुनाई और गए इन शब्दों से से सामान्य रूप से बीते समय का पूरा होने का पता चलता है |अत: यह सामान्य भूतकाल है
आसन्न भूतकाल
जिस भूतकाल की क्रिया में कार्य के अभी – अभी या निकट भूतकाल में सम्पन्न होने का पता चले ,उसे आसन्न भूतकाल कहते है |जैसे – मैंने सेब खाया है ,में अभी हिसार से आया हूँ , नानी ने कहानी सुनाई है
इन वाक्यों से अभी – अभी क्रियाएँ का पता चलता है इसलिए यह आसन्न भूतकाल है
पूर्ण भूतकाल
भूतकाल की जिस क्रिया से यह पता चले कि कार्य को समाप्त हुए बहुत समय बीत चूका हो ,उसे पूर्ण भूतकाल कहते है| जैसे – भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था ,वह हिसार जा चूका था , बच्चा आया था
अपूर्ण भूतकाल
भूतकाल की जिस क्रिया से यह पता चले कि कार्य भूतकाल में शुरू हो गया था ,किन्तु कार्य के समाप्त होने का पता न चलता हो ,उसे अपूर्ण भूतकाल कहते है |जैसे – सुनीता गा रही थी ,सुनील पढ़ रहा था ,बच्चे खेल रहे थे , राहुल लिख रहा था
संदिग्ध भूतकाल
भूतकाल की क्रिया के जिस रूप से अतीत के कार्य के होने या करने पर संदेह पाया जाए ,उसे संदिग्ध भूतकाल कहते है |जैसे – सुनील हिसार गया होगा , मीरा ने स्कुल गई होगी , वह क्रिकेट खेले होंगे
जिस वाक्य के अंत में गा ,गे ,गी आदि लगे हों , इससे कार्य के करने में संदेह का मालूम होता है ,इसे संदिग्ध भूतकाल कहते है
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हेतुहेतुमद् भूतकाल
भूतकाल की जिस क्रिया से यह पता चले कि भूतकाल में कार्य हो सकता था ,किन्तु दूसरे कार्य के कारण नहीं हो सका ,उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते है |जैसे –सुरेश मेहनत करता तो सफल हो जाता, मैं आगरा जाती तो ताजमहल देखती , यदि वर्षा होती, तो फसल अच्छी होती
वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से चल रहे समय का पता चले अथवा क्रिया व्यापार का वर्तमान समय में पता चले ,उसे वर्तमान काल कहते है |जैसे – मोहन पढ़ रहा है , राजू गाता है ,आप क्या कर रहे होवर्तमान काल के तीन प्रकार है
- सामान्य वर्तमानकाल
- अपूर्ण वर्तमानकाल
- संदिग्ध वर्तमानकाल
जिस क्रिया से वर्तमान काल में क्रिया के सामान्य रूप में होने का पता चले ,उसे सामान्य वर्तमान काल कहते है |जैसे – सुनील लिखती है,सीता पढ़ती है,बच्चे खलते है, मैं गाता हूँ
जिस वाक्य के अंत में ता है ,ते है,ता हूँ ,ती हूँ आदि का प्रयोग होता हो ,वहाँ सामान्य वर्तमान काल होता है
अपूर्ण वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य वर्तमान काल में शुरू हो चूका है और अभी चल रहा है ,उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते है |जैसे – रमेश लिख रहा है,वे गीत गा रहे हैं, अनीता गीत गा रही है, मैं नाच रहा हूँ
जिस वाक्य के अंत में रहा है ,रही है, रहा हूँ,रहे है आदि लगे हो वहाँ अपूर्ण वर्तमान काल होता है
संदिग्ध वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल की क्रिया के होने या करने पर संदेह पाया जाता है ,उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते है |जैसे – रमेश खेत में पानी लगाता होगा ,सविता पत्र लिखती होगी ,बच्चे नाचते होंगे,टीना पढ़ती होगी
जिस वाक्य के अंत में ता होगा ,ती होगी ,ते होंगे आदि लगे हो ,वहाँ संदिग्ध वर्तमान काल होता है
भविष्यत
क्रिया के जिस रूप से आगे आने वाले समय का पता चले ,भविष्यत काल कहते है |जैसे – हम कल दिल्ली जाएँगे ,रमेश कल घर जाएगा ,वह किताब पढ़ेगाइन वाक्यों की क्रियाएँ से पता चलता है कि ये सब कार्य आने वाले समय में पूरे होंगे। अतः ये भविष्यत काल की क्रियाएँ हैं.
भविष्यत काल के तीन प्रकार है
- सामान्य भविष्यत काल
- संभाव्य भविष्यत काल
- हेतु-हेतुमद् भविष्यत काल
इसमें क्रिया का सामान्य रूप से कार्य के भविष्य में होने का पता चलाता है ,उसे सामान्य भविष्यत काल कहते है |जैसे –,रोहित पुस्तक बेचेगा,वह खाना खाएगी,बच्चे खेलने जाएँगे
जिन वाक्य के अंत में ए.गा ,ए.गी ,ए.गे आदि लगे हो ,वहाँ सामान्य भविष्यत काल होता है
संभाव्य भविष्यत काल
जिस क्रिया से आगे कार्य के होने का संदेह या संभवना हो ,उसे संभाव्य भविष्यत काल कहते है |जैसे – शायद कल सुनील आगरा जाए ,परीक्षा में शायद मुझे अच्छे अंक प्राप्त हों ,शायद आज वर्षा हो
इन वाक्यों में क्रियाओं का निश्चित पता नहीं चलता ,इसलिए यह संभाव्य भविष्यत काल है
हेकाल
क्रिया का वह रूप जिससे एक कार्य का होना किसी दूसरे भविष्यत काल की क्रिया के पूरी होने पर निर्भर हो ,उसे हेतु-हेतुमद् भविष्यत काल कहते है |जैसे – अगर तुम मेहनत करोगे ,तो अवश्य सफल हो जाओगे, वह कमाये तो मैं खाऊँ, यदि छुट्टियाँ होंगी ,तो मैं आगरा जाऊँगा
इसमें एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर करती है |अत: यह हेतु-हेतुमद् भविष्यत काल होता है